loader image

संस्कृति और धरोहर

संस्कृति और धरोहर

रीगल टॉकीज़: उज्जैन की फिल्मी विरासत

उज्जैन का रीगल टॉकीज़, जो गोपाल मंदिर के ठीक सामने स्थित था, एक समय पर शहर का सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित सिनेमाघर था। यह सिर्फ एक सिनेमा हॉल नहीं था, बल्कि यह उज्जैन की सांस्कृतिक विरासत और मनोरंजन का केंद्र भी रहा है। 🔹रीगल टॉकीज़ का गौरवशाली अतीत ✅ स्थापना और लोकप्रियता: रीगल टॉकीज़ की […]

धार्मिक आयोजन, संस्कृति और धरोहर

कालिदास समारोह: उज्जैन की साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत

कालिदास और उज्जैन का ऐतिहासिक संबंध: उज्जैन सिर्फ ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर की नगरी ही नहीं, बल्कि यह संस्कृत साहित्य और महान कवि महाकवि कालिदास की कर्मभूमि भी रही है। कालिदास, जिन्हें संस्कृत साहित्य का सर्वश्रेष्ठ कवि और नाटककार माना जाता है, ने “मेघदूत,” “अभिज्ञानशाकुंतलम्,” “कुमारसंभव,” “रघुवंश,” जैसी अद्भुत रचनाएँ दीं, जो आज भी साहित्य प्रेमियों के

प्रमुख स्थल, संस्कृति और धरोहर

त्रिवेणी संगम – शिप्रा, गंडकी और सरस्वती नदियों का पवित्र मिलन

उज्जैन का त्रिवेणी संगम एक अत्यधिक पवित्र और ऐतिहासिक स्थल है, जहाँ तीन प्रमुख नदियाँ – शिप्रा, गंडकी और सरस्वती मिलती हैं। यह संगम न केवल उज्जैन, बल्कि पूरे भारत के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है। यहाँ का जल स्नान और पूजा विशेष रूप से शुभ और फलदायी मानी जाती है।

अन्य, संस्कृति और धरोहर

विक्रम विश्वविद्यालय – उज्जैन की शैक्षणिक धरोहर

उज्जैन, जो अपनी धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के लिए विश्व विख्यात है, शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी एक अलग पहचान रखता है। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की उच्च शिक्षा का प्रमुख केंद्र है, जिसकी स्थापना से ही यह संस्थान ज्ञान, अनुसंधान और नवाचार में उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है। विक्रम विश्वविद्यालय का इतिहास

प्रमुख स्थल, संस्कृति और धरोहर

राम घाट – उज्जैन का पवित्र संगम स्थल

उज्जैन, जिसे धार्मिक नगरी के रूप में जाना जाता है, अपने अनेक पवित्र स्थलों और घाटों के लिए प्रसिद्ध है। इन्हीं में से एक है राम घाट, जो शिप्रा नदी के किनारे स्थित है। राम घाट न केवल उज्जैन का प्रमुख धार्मिक स्थल है, बल्कि यह आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखता है। राम घाट

संस्कृति और धरोहर

माच नृत्य: मालवा की अनूठी लोकनाट्य परंपरा

“माच” मालवा क्षेत्र की एक पारंपरिक लोकनाट्य विधा है, जो न केवल एक नृत्य शैली है, बल्कि इसमें नाट्य, संगीत और संवाद का अद्भुत समावेश होता है। “माच” शब्द संस्कृत के “मंच” से निकला है, जिसका अर्थ है मंच या स्थान, जहाँ प्रदर्शन किया जाता है। यह मालवा की सांस्कृतिक धरोहर का एक अनमोल हिस्सा

संस्कृति और धरोहर

कालिदास संस्कृत अकादमी: उज्जैन की सांस्कृतिक धरोहर

उज्जैन की सांस्कृतिक और साहित्यिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा “कालिदास अकादमी” है। यह अकादमी भारतीय संस्कृति, साहित्य, और कला के संरक्षण और प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित है। कालिदास अकादमी का नाम महान संस्कृत कवि “कालिदास” के नाम पर रखा गया है, जिनकी रचनाएँ भारतीय साहित्य का अभिन्न हिस्सा हैं। कालिदास संस्कृत अकादमी का महत्व: कालिदास

संस्कृति और धरोहर

महर्षि सांदीपनि: उज्जैन की गौरवशाली परंपरा के प्रतीक

महर्षि सांदीपनि उज्जैन की पवित्र भूमि से जुड़े महान ऋषि और गुरु थे। यह माना जाता है कि उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण, उनके बड़े भाई बलराम और मित्र सुदामा को शिक्षा प्रदान की थी। उज्जैन स्थित सांदीपनि आश्रम आज भी उनकी विद्वत्ता और शिक्षण परंपरा का सजीव प्रमाण है। महर्षि सांदीपनि ने अपने शिष्यों को वेद,

व्यक्तित्व, संस्कृति और धरोहर

कवि कालिदास: उज्जैन की गौरवशाली धरोहर

भारत के महानतम कवियों और नाटककारों में से एक, कवि कालिदास, भारतीय साहित्य और संस्कृति का ऐसा नाम हैं जिनकी कृतियों ने न केवल भारतीय उपमहाद्वीप, बल्कि पूरे विश्व में प्रसिद्धि पाई है। उन्हें संस्कृत साहित्य का रत्न कहा जाता है। उज्जैन, जिसे कालिदास की प्रेरणा का केंद्र माना जाता है, उनकी कालजयी कृतियों का

Scroll to Top