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राम मूर्ति त्रिपाठी: उज्जैन के साहित्यिक गौरव

उज्जैन, जो सदियों से शिक्षा, संस्कार और साहित्य का प्रमुख केन्द्र रहा है, ने अनेक महान साहित्यकारों को जन्म दिया है। इन्हीं महान साहित्यकारों में से एक थे राम मूर्ति त्रिपाठी, जिनकी रचनाएँ आज भी हमारे दिलों में गहरी छाप छोड़ती हैं। 🌟 जीवन परिचय 🌟 राम मूर्ति त्रिपाठी का जन्म 4 जनवरी, 1929 को […]

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श्रीनिवास रथ (1933–2014): उज्जैन की विद्वत परंपरा का गौरवशाली स्तंभ

उज्जैन, जो महाकाल की नगरी के साथ-साथ ज्ञान, विद्या और संस्कृति की पावन भूमि है, ने अनेक महान विद्वानों को जन्म दिया है। इन्हीं में से एक थे श्रीनिवास रथ, जो संस्कृत साहित्य के प्रतिष्ठित विद्वान, कवि, आलोचक और शिक्षक थे। उनका संपूर्ण जीवन संस्कृत भाषा, भारतीय दर्शन और साहित्यिक परंपरा को समर्पित रहा। उनका

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पद्मभूषण डॉ. शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ जी को नमन

“चलो, फिर से मुस्कुराएं, गीत गाएं, गुनगुनाएं।” उज्जैन की धरती ने हमें अनेक साहित्यिक और सांस्कृतिक विभूतियों से समृद्ध किया है। इन्हीं में से एक हैं, पद्मभूषण डॉ. शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ जी, हिंदी साहित्य के युगपुरुष, जिनकी काव्यधारा ने करोड़ों दिलों को छुआ। उनका जीवन साहित्य, समाज और राष्ट्र के प्रति समर्पण का प्रतीक है।

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पंडित सूर्यनारायण व्यास जी: उज्जैन की गौरवशाली धरोहर

“जिनकी विद्वता ने उज्जैन की पहचान को चिरस्थायी बनाया” उज्जैन, भारत की पवित्र और ऐतिहासिक नगरी, अपने सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। इसी भूमि पर जन्मे एक महान विभूति, पंडित सूर्यनारायण व्यास जी, जिन्होंने न केवल उज्जैन, बल्कि समूचे भारत को अपनी विद्वता, ज्योतिषीय ज्ञान और भारतीय संस्कृति के प्रति समर्पण से

ऐतिहासिक, पौराणिक, व्यक्तित्व

घटकर्पर: राजा विक्रमादित्य के नौ रत्नों में अद्वितीय विद्वान

राजा विक्रमादित्य की सभा के नौ रत्नों का भारतीय इतिहास और संस्कृति में एक विशेष स्थान है। इन नौ रत्नों में से एक थे घटकर्पर, जिनकी विद्वत्ता, न्यायप्रियता और नीति कौशल ने विक्रमादित्य के शासन को अद्वितीय ऊंचाइयों तक पहुंचाया। घटकर्पर का परिचय घटकर्पर अपने गहन ज्ञान और विवेक के लिए प्रसिद्ध थे। वे न

ऐतिहासिक, पौराणिक, व्यक्तित्व

अमर सिंह: राजा विक्रमादित्य के नौ रत्नों में अद्वितीय योद्धा और विद्वान

उज्जैन की पवित्र भूमि भारतीय इतिहास और संस्कृति की गौरवशाली धरोहर है। इसी भूमि पर राजा विक्रमादित्य ने अपने साम्राज्य को न्याय, ज्ञान और वीरता से सुसज्जित किया। उनकी प्रसिद्ध सभा में नौ रत्नों का विशेष स्थान था, और उनमें से एक थे अमर सिंह। अमर सिंह का परिचय अमर सिंह केवल एक महान योद्धा

पौराणिक, व्यक्तित्व

राजा विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक – वेताल भट्ट

उज्जैन, भारतीय इतिहास और संस्कृति का ऐसा केंद्र है, जिसने अनगिनत विद्वानों, संतों और महापुरुषों को जन्म दिया। इन्हीं में से एक थे **वेताल भट्ट**, जो राजा विक्रमादित्य के प्रसिद्ध नवरत्नों में शामिल थे। वेताल भट्ट: विद्वता और चतुराई का प्रतीक वेताल भट्ट अपनी विलक्षण बुद्धिमत्ता, तर्कशक्ति और काव्य प्रतिभा के लिए प्रसिद्ध थे। वे

ऐतिहासिक, पौराणिक, व्यक्तित्व

सम्राट विक्रमादित्य के नव रत्नों में से एक: शंकु

“शंकु” सम्राट विक्रमादित्य के दरबार के प्रतिष्ठित और विद्वान नव रत्नों में से एक थे। वे अपने समय के अद्वितीय गणितज्ञ, खगोलशास्त्री और वास्तुकला विशेषज्ञ के रूप में प्रसिद्ध थे। उनका नाम इतिहास में इस बात के लिए दर्ज है कि उन्होंने न केवल गणित और वास्तुकला में अद्वितीय योगदान दिया, बल्कि अपने अद्भुत विचारों

ऐतिहासिक, पौराणिक, व्यक्तित्व

क्षपणक – उज्जैन की अमूल्य धरोहर

क्षपणक, उज्जैन की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर, प्राचीन भारतीय साहित्य और समाज का एक अद्वितीय प्रतीक हैं। वे महान विद्वान, साधक और विचारक माने जाते हैं, जिनका नाम भारतीय इतिहास में उनके ज्ञान, तपस्या और त्याग के लिए स्वर्ण अक्षरों में अंकित है। क्षपणक का उल्लेख कालिदास के अमर ग्रंथ *“राजशेखरचरित”* और अन्य पुराणों में

ऐतिहासिक, पौराणिक, व्यक्तित्व

वररुचि: राजा विक्रमादित्य के नवरत्नों का अद्वितीय रत्न

वररुचि, जिन्हें भारतीय साहित्य, व्याकरण, और ज्योतिष के क्षेत्र में अमर स्थान प्राप्त है, राजा विक्रमादित्य के दरबार के नवरत्नों में से एक थे। उनकी विद्वत्ता और योगदान ने भारतीय संस्कृति को समृद्ध किया और आने वाली पीढ़ियों को एक सशक्त बौद्धिक विरासत प्रदान की। वररुचि का जीवन और व्यक्तित्व वररुचि का जन्म एक उच्च

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