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उज्जैन के नौ नारायण मंदिर: एक आध्यात्मिक यात्रा

उज्जैन, जिसे महाकाल की नगरी के नाम से जाना जाता है, अपने प्राचीन मंदिरों और आध्यात्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। इनमें से एक विशेष आध्यात्मिक यात्रा है नौ नारायण मंदिरों की, जो भगवान विष्णु के नौ विभिन्न स्वरूपों को समर्पित हैं। मान्यता है कि इन मंदिरों के दर्शन मात्र से नौ ग्रहों की शांति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। आइए जानते हैं इन नौ मंदिरों के बारे में:

1. लीला पुरुषोत्तम नारायण मंदिर
यह मंदिर हरसिद्धि मंदिर के समीप स्थित है और लगभग 200 वर्ष पुराना है। यहाँ पुरुषोत्तम मास के दौरान विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

2. अनंतनारायण मंदिर
अनंतपेठ क्षेत्र में स्थित यह मंदिर 300 वर्ष से अधिक पुराना है। अनंत चतुर्दशी और हरियाली अमावस्या पर यहाँ विशेष आयोजन होते हैं।

3. सत्यनारायण मंदिर
ढाबा रोड पर स्थित यह लगभग 200 साल पुराना मंदिर है, जहाँ सत्यनारायण कथा और पूजा का विशेष महत्व है।

4. चतुर्भुजनारायण मंदिर
ढाबा रोड पर ही स्थित इस प्राचीन मंदिर में भगवान विष्णु के चतुर्भुज स्वरूप की पूजा होती है।

5. आदिनारायण मंदिर
सेंट्रल कोतवाली के सामने स्थित यह मंदिर समस्त दुःखों के नाश के लिए प्रसिद्ध है।

6. शेषनारायण मंदिर
क्षीरसागर क्षेत्र में स्थित यह लगभग 500 वर्ष पुराना मंदिर है, जहाँ भगवान विष्णु शेषनाग पर विराजमान हैं।

7. पद्मनारायण मंदिर
क्षीरसागर में ही स्थित इस प्राचीन मंदिर में भगवान विष्णु के पद्मनारायण स्वरूप की पूजा होती है।

8. लक्ष्मीनारायण मंदिर
गुदरी चौराहा पर स्थित इस मंदिर में माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की संयुक्त पूजा होती है।

9. बद्रीनारायण मंदिर
बक्षी बाजार में स्थित यह प्राचीन मंदिर नौ नारायण यात्रा का अंतिम पड़ाव है।

नौ नारायण यात्रा का महत्व
पुरुषोत्तम मास में नौ नारायण यात्रा का विशेष महत्व है। इन नौ मंदिरों के दर्शन और पूजा से भक्तों की मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं। यह यात्रा उज्जैन की समृद्ध धार्मिक परंपरा का प्रतीक है और श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रदान करती है।

यदि आप उज्जैन की यात्रा पर हैं, तो इन नौ नारायण मंदिरों के दर्शन अवश्य करें और भगवान विष्णु के विभिन्न स्वरूपों का आशीर्वाद प्राप्त करें।
हरि ओम! जय विष्णु नारायण!

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