उज्जैन, जो अपनी धार्मिक महिमा और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है, वहां स्थित गेबी हनुमान मंदिर एक अनोखा धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान हनुमान जी को समर्पित है और यहां का वातावरण भक्तों के लिए अद्भुत श्रद्धा और शांति से भरा हुआ है।
🔍 मंदिर का इतिहास:
गैबी हनुमान के बारे में कहा जाता है कि कई साल पहले एक व्यक्ति को हनुमानजी ने स्वप्न में निर्देश दिया कि मुझे इस बावड़ी से बाहर निकालो। उस व्यक्ति ने स्वप्न के अनुसार बावड़ी की खुदाई की, और वहां से हनुमानजी की मूर्ति प्राप्त हुई। उन्होंने उस मूर्ति को एक बड़े पत्थर की थाल पर रखकर वहीं स्थापित कर दिया। जब मूर्ति को बाहर निकाला गया, तो हनुमानजी का स्वरूप लाल और अत्यंत तेजस्वी था। तभी से उन्हें गैबी हनुमान कहा जाने लगा।
हालांकि, अब वह बावड़ी नजर नहीं आती। कहा जाता है कि हनुमानजी स्वयं पाताल से प्रकट हुए थे और उनके पैरों के नीचे अहिरावण की कुलदेवी की प्रतिमा मौजूद है। हनुमानजी की यह कथा अहिरावण से भी जुड़ी हुई है। अहिरावण ने अपनी कुलदेवी को प्रसन्न करने के लिए राम और लक्ष्मण को बंदी बनाकर पाताल में ले जाकर उनकी बलि चढ़ाने की योजना बनाई थी। लेकिन हनुमानजी ने राम और लक्ष्मण को अहिरावण के चंगुल से छुड़ाया और अहिरावण की कुलदेवी की प्रतिमा को अपने पैरों से कुचल दिया। आज भी वह प्रतिमा गैबी हनुमानजी के चरणों के नीचे कुचली हुई स्थिति में है।
🙏 हनुमान जी की महिमा:
मंदिर में स्थित हनुमान जी की प्रतिमा अपने चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है। मान्यता है कि यहां आकर सच्चे मन से की गई प्रार्थना कभी भी अनसुनी नहीं रहती। हनुमान जी के भक्त यहां आकर अपनी समस्याओं का समाधान पाते हैं, चाहे वह स्वास्थ्य से जुड़ी हो, नौकरी से, या किसी अन्य जीवन की कठिनाई से।
🕉️ विशेष धार्मिक अनुष्ठान:
हर मंगलवार और शनिवार को यहां विशेष पूजा-अर्चना होती है। इन दिनों में मंदिर में विशेष भीड़ होती है, क्योंकि ये दिन हनुमान जी के लिए विशेष माने जाते हैं। भक्त यहां पर हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं और उन्हें चोला चढ़ाने की परंपरा भी निभाई जाती है।
🌺 अगर आप उज्जैन की धार्मिक यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो गेबी हनुमान मंदिर का दर्शन अवश्य करें। यह मंदिर आपकी यात्रा को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करेगा और आपके जीवन में नई ऊर्जा का संचार करेगा।