उज्जैन, जो भगवान महाकाल की पावन नगरी है, अपने धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। इन्हीं में से एक है सप्त सागर – सात पवित्र सरोवरों का समूह, जिसका आध्यात्मिक महत्व अत्यंत गहरा है। विशेष रूप से अधिकमास में यहाँ सप्त सागर यात्रा का विशेष महत्व बताया गया है।
सप्त सागर के सात पवित्र सरोवर:
उज्जैन के सप्त सागर में निम्नलिखित सात पवित्र जलाशय सम्मिलित हैं:
रुद्र सागर
पुष्कर सागर
क्षीर सागर
गोवर्धन सागर
रत्न सागर
विष्णु सागर
पुरुषोत्तम सागर
अधिकमास और सप्त सागर यात्रा का महत्व
अधिकमास, जिसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है, हर तीन वर्ष में एक बार आता है और इस दौरान किए गए दान, स्नान, जप और तीर्थयात्रा का फल कई गुना अधिक माना जाता है।
सप्त सागर यात्रा अधिकमास में उज्जैन के प्रमुख धार्मिक अनुष्ठानों में से एक है। श्रद्धालु सप्त सागर के इन सात पवित्र जलाशयों की यात्रा कर स्नान व पूजन करते हैं।
ऐसा माना जाता है कि इस यात्रा से पुण्य लाभ, पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के साथ सप्त सागर यात्रा का विशेष महत्व बताया गया है, जिससे भगवान शिव और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
सप्त सागर यात्रा का आध्यात्मिक अनुभव
सप्त सागर की यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उज्जैन के आध्यात्मिक वातावरण में शांति और दिव्यता का अनुभव कराती है।
अधिकमास में यहाँ की गई तीर्थयात्रा शुभ फलदायी और समृद्धि कारक मानी जाती है।
यदि आप उज्जैन आते हैं, तो सप्त सागर यात्रा का हिस्सा बनें और इस पावन स्थली की आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव करें।
क्या आपने सप्त सागर यात्रा की है? अपने अनुभव हमें कमेंट में साझा करें!