प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
श्री बाबूलाल जैन जी का जन्म 1933 में उज्जैन, मध्य प्रदेश में एक धार्मिक एवं संस्कारित परिवार में हुआ। बचपन से ही वे राष्ट्रभक्ति और समाजसेवा की भावना से ओत-प्रोत थे। उनकी प्रारंभिक शिक्षा उज्जैन में ही हुई और किशोरावस्था में ही वे सामाजिक कार्यों से जुड़ गए।
संघ और जनसंघ से जुड़ाव
बचपन से ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े रहे और सामाजिक कार्यों में उनकी गहरी रुचि थी। बाद में, वे भारतीय जनसंघ में शामिल हुए और अपने संघर्षशील स्वभाव व दूरदर्शी सोच के कारण पार्टी में उच्च पदों तक पहुंचे।
विधानसभा सदस्यता और मंत्री पद
श्री बाबूलाल जैन जी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक प्रमुख नेता थे, चार बार विधायक रहे जैन पहली बार 1977 में उज्जैन उत्तर निर्वाचन क्षेत्र से राज्य विधानसभा के लिए चुने गए थे और बाद में महिदपुर विधानसभा क्षेत्र से तीन बार चुने गए। उनकी ईमानदार और प्रभावी कार्यशैली के कारण वे मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री भी बने। उन्होंने उद्योग एवं वाणिज्य विभाग, श्रम विभाग, और नगरीय प्रशासन विभाग में अपनी सेवाएँ दीं और कई महत्वपूर्ण नीतियों को लागू किया।
मध्य प्रदेश राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष
अपने राजनीतिक करियर के दौरान वे मध्य प्रदेश राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी बने। इस पद पर रहते हुए उन्होंने राज्य के आर्थिक एवं औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी नीतियों और योजनाओं से उज्जैन और प्रदेश के कई अन्य क्षेत्रों को प्रगति की नई दिशा मिली।
विकास कार्यों में योगदान
श्री जैन जी उज्जैन के विकास को लेकर हमेशा चिंतित रहते थे और उन्होंने कई जनहितैषी योजनाओं की शुरुआत की। उनके प्रयासों से:
✔ सड़क और बुनियादी ढांचे का विकास हुआ
✔ शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार हुआ
✔ उज्जैन में औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला
✔ धार्मिक पर्यटन और महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र के विकास के लिए योजनाएँ बनीं
हमारी श्रद्धांजलि
“सच्चे जनसेवक को केवल राजनीति नहीं, बल्कि समाज सेवा का जुनून होता है।”
उज्जैन की राजनीति और समाज सेवा के क्षेत्र में एक अमिट छाप छोड़ने वाले वरिष्ठ भाजपा नेता, पूर्व मंत्री और समाजसेवी श्री बाबूलाल जैन जी का 6 अगस्त 2021 को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। श्री बाबूलाल जैन जी का योगदान और उनकी स्मृतियाँ उज्जैन और पूरे मध्य प्रदेश की जनता के दिलों में सदैव जीवित रहेंगी।