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शीतला सप्तमी का पावन पर्व: पारंपरिक भोग और आस्था

🙏 जय शीतला माता 🙏

उज्जैन के सभी शीतला माता मंदिर में शीतला सप्तमी के शुभ अवसर पर महिलाएं पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार माता रानी की पूजा-अर्चना करती हैं। इस दिन माता को विशेष रूप से शीतल भोजन का भोग अर्पित किया जाता है, जो इस पर्व की खास परंपरा है।

🌿 पारंपरिक भोग एवं व्यंजन 🌿

शीतला सप्तमी से एक दिन पहले (षष्ठी को) घरों में विशेष प्रसाद तैयार किया जाता है, जिसे सप्तमी के दिन माता को अर्पित किया जाता है। इस भोग में शामिल होते हैं:
🍽️ ओलिया – दही और चावल से बना स्वादिष्ट प्रसाद
🍽️ खाजा – कुरकुरा और मीठा व्यंजन
🍽️ चूरमा – घी, गुड़ और आटे से बना पौष्टिक भोग
🍽️ मगद – मीठे और पौष्टिक लड्डू
🍽️ नमक पारे व शक्कर पारे – कुरकुरे स्नैक्स
🍽️ बेसन चक्की – बेसन और घी से बनी मिठाई
🍽️ पुए – गेहूं के आटे और गुड़ से बनी मिठाई
🍽️ पकौड़ी – चने के आटे से बनी कुरकुरी पकौड़ी
🍽️ राबड़ी – दूध से बनी स्वादिष्ट मिठाई
🍽️ पूड़ी और सब्जियां – माता को अर्पित किए जाने वाले अन्य प्रमुख व्यंजन

🌺 भोग का महत्व

🚩 मान्यता है कि इस दिन अग्नि में बना हुआ ताजा भोजन नहीं बनाया जाता।
🚩 माता को अर्पित किए गए इस प्रसाद को ग्रहण करने से रोगों से रक्षा होती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
🚩 इस दिन शीतला माता का अभिषेक, हवन और श्रृंगार पूजन किया जाता है, जिससे घर-परिवार में रोगों और दोषों का नाश होता है।

📍 उज्जैन के शीतला माता मंदिर में उत्सव का माहौल

उज्जैन स्थित शीतला माता मंदिर में इस अवसर पर भक्तों की अपार भीड़ उमड़ती है। श्रद्धालु माता के दर्शन कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्रार्थना करते हैं और पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं।

✨ माता शीतला आप सभी पर अपनी कृपा बनाए रखें और आपके परिवार को रोगों से मुक्त रखें! ✨
🔱 हर हर महादेव! जय शीतला माता! 🔱

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