उज्जैन, जो अपने धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है, में स्थित विक्रांत भैरव मंदिर एक अद्वितीय तांत्रिक स्थल है। यह मंदिर भैरवगढ़ क्षेत्र में, पवित्र शिप्रा नदी के तट पर स्थित है और यह उज्जैन के अष्ट भैरवों में से एक, विक्रांत भैरव जी को समर्पित है।
🔸 मंदिर की ऐतिहासिकता और महत्व
विक्रांत भैरव जी का उल्लेख स्कंद पुराण में मिलता है, जो इस स्थान की धार्मिक प्राचीनता को दर्शाता है। यहां की मूर्ति को स्वयं सिद्ध माना जाता है, जिसका मतलब है कि यह मूर्ति अपने आप प्रकट हुई है और इसे अत्यधिक पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है।
🔸 तंत्र साधना का केंद्र
यह मंदिर तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध है। हर साल, देश भर से अनेक साधक यहां आकर तांत्रिक क्रियाएं और सिद्धियां प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। मंदिर के पास स्थित श्मशान घाट भी तांत्रिक क्रियाओं के लिए जाना जाता है, जो इस स्थल की आध्यात्मिक गहराई को बढ़ाता है।
🔸 बाबा डबराल का योगदान
विक्रांत भैरव मंदिर की ख्याति को बढ़ाने में बाबा डबराल का उल्लेखनीय योगदान रहा है। उन्होंने यहां अनेक तांत्रिक साधनाएं कीं और विक्रांत भैरव जी की उपासना के माध्यम से इस स्थल को जागृत किया। बाबा डबराल की साधना के कारण यह स्थान साधकों के लिए एक प्रमुख केंद्र बन गया है, जहां वे आकर अपनी साधना को सिद्ध करने का प्रयास करते हैं।
यदि आप उज्जैन की यात्रा कर रहे हैं, तो विक्रांत भैरव मंदिर के दर्शन करना न भूलें। यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करें और इस प्राचीन स्थल के रहस्यमय इतिहास को जानें। यह स्थान न केवल साधकों के लिए बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए है जो आध्यात्मिकता की खोज में है।
🙏 आइए, उज्जैन के इस पवित्र स्थल का हिस्सा बनें और इसे अपने जीवन का महत्वपूर्ण अनुभव बनाएं।
उज्जैन के गर्व का हिस्सा बनें, विक्रांत भैरव मंदिर के साथ!