“जिनकी विद्वता ने उज्जैन की पहचान को चिरस्थायी बनाया”
उज्जैन, भारत की पवित्र और ऐतिहासिक नगरी, अपने सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। इसी भूमि पर जन्मे एक महान विभूति, पंडित सूर्यनारायण व्यास जी, जिन्होंने न केवल उज्जैन, बल्कि समूचे भारत को अपनी विद्वता, ज्योतिषीय ज्ञान और भारतीय संस्कृति के प्रति समर्पण से गौरवान्वित किया।
श्री सूर्यनारायण व्यास जी का जीवन परिचय
पंडित सूर्यनारायण व्यास जी का जन्म 2 मार्च 1902 को हुआ। वे एक महान ज्योतिषाचार्य, लेखक, और भारतीय संस्कृति के मनीषी थे। उनके जीवन का हर पहलू भारतीय संस्कृति, इतिहास और ज्योतिष के प्रति समर्पण का प्रतीक है। वे अपनी ज्योतिषीय गणनाओं और ऐतिहासिक दृष्टिकोण के कारण पूरे भारत में प्रसिद्ध थे।
उनकी प्रमुख उपलब्धियां
1. विक्रम संवत की पुनर्स्थापना:
पंडित जी ने विक्रम संवत को पुनर्जीवित कर इसे भारतीय जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाया। उनका मानना था कि यह भारत के गौरवशाली अतीत की याद दिलाने और हमारी सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने में सहायक है।
2. उज्जैन और महाकाल की प्रतिष्ठा को बढ़ाना:
पंडित व्यास जी ने उज्जैन की महत्ता को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने उज्जैन को “कालिदास की भूमि” और “महाकाल की नगरी” के रूप में प्रचारित किया, जिससे इस पवित्र नगरी को वैश्विक पहचान मिली।
3. ज्योतिष और खगोल विज्ञान में योगदान:
पंडित व्यास जी ने अनेक ग्रंथों की रचना की, जिनमें उन्होंने भारतीय ज्योतिष और खगोल विज्ञान को सरल और व्यावहारिक रूप से प्रस्तुत किया। उनकी ज्योतिषीय गणनाएं आज भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सटीकता के लिए विख्यात हैं।
पंडित जी के विचार और उनका महत्व
उनकी लेखनी और योगदान ने भारतीय संस्कृति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उन्होंने अपनी ज्योतिषीय भविष्यवाणियों से कई महत्वपूर्ण घटनाओं की सटीक भविष्यवाणी की, जिनमें स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण के कई पहलू शामिल हैं।
आज हमें पंडित सूर्यनारायण व्यास जी जैसे महान व्यक्तित्व पर गर्व है। उनकी शिक्षा, उनके विचार और उनके योगदान को आत्मसात करना ही उनके प्रति सच्चा सम्मान होगा।
“उज्जैन की मिट्टी में जन्मे, भारत को दिशा देने वाले इस महान विभूति को शत-शत नमन।” 🙏✨