उज्जैन, जिसे ज्योतिष और तंत्र विद्या की राजधानी माना जाता है, कई दिव्य और रहस्यमयी मंदिरों का घर है। इन्हीं में से एक है नवग्रह शनि मंदिर, जो शिप्रा नदी के तट पर स्थित है और विशेष रूप से शनि देव की उपासना के लिए प्रसिद्ध है।
नवग्रह शनि मंदिर का महत्व
🔹भारत का एकमात्र मंदिर, जहाँ नवग्रहों की संयुक्त पूजा की जाती है।
🔹यह मंदिर विशेष रूप से शनि दोष, राहु-केतु दोष और कुंडली के अशुभ प्रभावों को शांत करने के लिए जाना जाता है।
🔹शनिवार के दिन यहाँ भक्तों की भारी भीड़ होती है, जो शनि देव को तेल अर्पित कर, विशेष पूजा और हवन करते हैं।
🔹यह स्थान साढ़े साती, ढैया और शनि महादशा से मुक्ति पाने के लिए श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
नवग्रह शनि मंदिर की विशेषताएँ:
🛕 प्राचीन मान्यता – कहा जाता है कि इस स्थान पर स्वयं शनि देव ने तपस्या की थी, जिससे यह अत्यधिक शक्तिशाली तीर्थ स्थल बन गया।
🛕 नवग्रहों की पूजा – यहाँ सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु की विशेष पूजा होती है।
🛕 शनि अमावस्या का विशेष महत्व – इस दिन यहाँ श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं और हवन, दान एवं तिल के तेल से अभिषेक कर शनि देव की कृपा प्राप्त करते हैं।
🛕 तंत्र-मंत्र और ज्योतिष का केंद्र – यह मंदिर ज्योतिष और तंत्र क्रियाओं के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
क्या करें और क्या न करें?
✅ शनिदेव को तिल, तेल, काले वस्त्र और काली उड़द अर्पित करें।
✅ जरूरतमंदों को दान दें और गरीबों की सेवा करें।
❌ शनिवार को शनिदेव की प्रतिमा को स्पर्श न करें।
❌ गुरु, माता-पिता और वृद्धजनों का अनादर न करें, इससे शनि का कोप हो सकता है।
नवग्रह शनि मंदिर के दर्शन अवश्य करें!
यदि आपकी कुंडली में शनि, राहु, केतु या अन्य ग्रहों के अशुभ प्रभाव हैं, तो नवग्रह शनि मंदिर, उज्जैन में दर्शन और पूजन अवश्य करें और भगवान शनि की कृपा प्राप्त करें।
🌿 क्या आपने नवग्रह शनि मंदिर के दर्शन किए हैं? अपने अनुभव हमें कमेंट में साझा करें!