उज्जैन, मध्य प्रदेश का एक प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है, जो अपने ऐतिहासिक स्मारकों और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का “जंतर मंतर” भी एक अद्वितीय स्थल है, जिसे “महाराज जयसिंह द्वितीय” ने 1725 में बनवाया था। यह “खगोलशास्त्र” के अध्ययन के लिए एक महत्त्वपूर्ण स्थल है और भारतीय विज्ञान की समृद्धि को दर्शाता है।
जंतर मंतर में विभिन्न प्रकार के यांत्रिक उपकरणों का उपयोग किया गया था, जो आकाशीय पिंडों की स्थिति और समय का सटीक निर्धारण करने के लिए बनाए गए थे। यह स्थल न केवल खगोलशास्त्र के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण था, बल्कि यह भारतीय विज्ञान और संस्कृति का एक अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
जंतर मंतर के प्रमुख यंत्र:
सम्राट यंत्र: यह यंत्र समय और स्थान का मापने के लिए प्रयोग किया जाता था।
ज्योतिष यंत्र: जो आकाशीय पिंडों की स्थिति का निर्धारण करता था।
कक्ष यंत्र: यह यंत्र पृथ्वी की गति और अन्य ग्रहों के माप के लिए था।
यह स्थल न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय इतिहास और संस्कृति का अहम हिस्सा भी है। उज्जैन का जंतर मंतर आज भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है और भारतीय विज्ञान के गौरव को उजागर करता है।
आइए, हम सभी मिलकर इस ऐतिहासिक धरोहर को समझें और उज्जैन की समृद्धि को सम्मानित करें।